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Snakebites |
आज से लगभग 100 सालों पहले साँप के काटने का इलाज हमारे पास सुलभ न था। था पर सही तरीके का न था। मतलब कि सारा का सारा इलाज झाड-फूँक और मंत्र पर आधारित था। और आज हमारे पास इलाज के सारे तरीके उपलब्द्ध हैं पर विडम्बना (वास्तविकता से उल्टा) तो यह है कि समय नहीं मिल पता है।
अगर सही माने तो विषधर के काटने का इलाज आप अपने घर पर नहीं कर सकते हैं, इसके लिए आपको किसी एक्सपर्ट के पास जाना ही पड़ेगा, हाँ लेकिन आयुर्वेद में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जो इनके असर को कम करके हमे इसके इलाज के लिए उचित समय प्रदान करता है और डूबते को तिनके का सहारा देता है। तो अपने इस आर्टिकल में हम आपको यह बताने जा रहे हैं कि साँप के काटने के तुरंत बाद क्या करना चाहिए कि हमे पीड़ित के इलाज के लिए समय मिल जाए।
सबसे पहला और बेहद जरूरी काम
इंसान के साथ जब कभी यह हादसा हो जाता है तो वह बेहद घबरा जाता है। पीड़ित तो घबरा जाता ही है साथ में उसे बचाने वाले लोग उससे भी ज्यादा पैनिक हो जाते हैं। यह एक बहुत बड़ी, बहुत बड़ी गलती है। दरअसल, भुजंग के काटने के बाद उसका विष हमारे रक्त में आ जाता है और आप इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि जब इंसान घबराया हुआ होता है तो उसकी हार्ट-बीट काफी तेज हो जाती है। मतलब कि आपकी हार्ट की बीटिंग जितनी अधिक होगी आपके शरीर का रक्त उतनी ही स्पीड के साथ शरीर की नसों में प्रवाहित होगा। पैनिक होने या घबरा जाने पर हृदय तेजी से धड़कता है और रक्त में मौजूद विष भी रक्त के साथ-साथ काफी तीव्र गति से पूरे शरीर में फैलने लगता है। अंत में जब यह शरीर की सारी नसों से होता हुआ हृदय तक पहुंचता है तो पीड़ित की मृत्यु हो जाती है।
उपाय क्या है - इसका एकमात्र उपाय है कि आप अपने जरूरी कामो को करते रहिए और व्यक्ति को यह यकीन दिलाये की जिस सर्प ने उसे काटा है आप उसकी प्रजाति से भली-भांति परिचित हैं या आप यह जानते हैं की उसमे काफी कम मात्रा में विष होता है। आप उसे यह यकीन दिलाएँ की इसके काटने पर कोई मर नहीं सकता, बस उसे दर्द कम करने की दवा चाहिए और कुछ फ़र्स्ट ऐड। लेकिन ध्यान रहे आप यह अपने जरूरी काम करते-करते बताएं।
आपको करना क्या है
मैंने अभी ऊपर यह बताया की आपको अपने काम करते-करते पीड़ित को यकीन दिलाना है। तो आप जान लीजिए की आखिर आपको करना क्या है। याद रहे आपको यह रास्ते मे, गाड़ी में करना है और अगर कोई साधन नहीं है तो पहले घर पर यह करें वो भी 5-7 मिनटों तक उसके बाद आप तुरंत हॉस्पिटल के लिए रवाना हो।
Ø काटने वाले जगह से 4 इंच ऊपर और चार इंच नीचे किसी भी चीज से बांध दें। याद रखे एक बार बांधने के बाद फिर उसे किसी दूसरी चीज से बांधने के लिए कतई न खोलें।
Ø अब आपने जहाँ से बाँधा है उसके आधे इंच नीचे से ज़ोर से दबा-दबा कर दूषित रक्त बाहर निकालने की कोशिश करें। जैसे आप आम का रस बाहर निकालते हैं ठीक उसी तरह।
Ø सर्प दंश वाली जगह पर किसी भी प्रकार के ब्लेड या चाकू का इस्तेमाल न करें।
Ø अगर आपके पास कोई इंजेक्शन है तो उसकी सुई को बाहर निकाल दें और उसके सामने वाले हिस्से को काटकट पिचकारी के समान बना लें। इसके बाद दंशन वाले स्थान पर इसे लगाएँ और रक्त को बाहर निकालें। केवल इंजेक्शन ही नहीं इसकी तरह कुछ भी हो सकता है। 2-3 बार ऐसा करें।
Ø इसके बाद बंधी रस्सी खोल दें।
Ø अगर व्यक्ति बेहोस हो रहा है तो उसके हथेली और पैर के तलवों को ज़ोर से मलिए ताकि उसे गर्माहट हो।
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अगर हॉस्पिटल दूर है तो क्या करें
Ø नींबू का रस और मिट्टी का तेल मिलाकर रुई की मदद से उस जगह हल्की मालिश करें। ऐसा करने पर दर्द के साथ-साथ सूजन और जहर का असर भी कम होगा और आपको काफी समय मिलेगा।
Ø हिंग और लहसुन पीसकर घाव के इर्द-गिर्द लेप लगा दें। यह जहर को कुछ देर तक घेरे रखेगा।
Ø अगर बुखार होने लगे तो तुरंत बिना चीनी की चाय जिसमे अधिक मात्रा में तुलसी के पत्ते और अदरक हो। चायपत्ती साधारण हो। इसका कारण यह है की अदरक, तुलसी और चाय की पत्ती तीनों में एंटी-ऑक्सीडेंट (विषहर) पाए जाते हैं और वो भी भरपूर मात्रा में।
Ø लगभग 100 ग्राम घी हल्का गुनगुना करें और पीड़ित को पीला दें। इसके बाद आप उससे उल्टी करने को कहें अगर उल्टी नहीं हो पा रही है तो पानी गुनगुना करें, भरपेट पानी पिलाएँ और अंगुली डालकर उल्टी करवाएँ। इसका कारण यह है की अगर किसी कारण विष लिवर तक पहुँच गया है तो वह बाहर आ जाएगा और आपको उसे बचाने का समय मिल जाएगा।
Ø झाड-फूँक के चक्कर में न पड़ें, तुरंत हॉस्पिटल ले जाएँ।
याद रहे की आप सर्प दंश का इलाज घर पर नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको हॉस्पिटल ले जाना बिलकुल अनिवार्य है। यहाँ दिए गए आयुर्वेदिक टिप्स बस आपको पीड़ित को बचाने के लिए कुछ समय प्रदान करेगा, उसकी पूर्ण रूप से जान बचाने में यह सक्षम नहीं है। इसलिए सबसे बेहतर होगा की किसी दादी-नानी के उपाय के चक्कर में या झाड-फूँक न पड़कर जल्द से जल्द हॉस्पिटल ले जाएँ। किसी भी दादी या नानी के टिप्स जान नहीं बचा सकते हैं। ऊपर दिये गए टिप्स केवल इलाज के लिए समय देंगे, यह इलाज नहीं है।
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